Deepawali Messages

Deepawali messages

आपको और आपके प्रियजनो को दिपावली (शारदीय नवशेष्ठी) की बहुत बहुत शुभकामनाएं

सर्वेभ्य दीपावलीपर्वण हार्दिक्य: शुभेच्छा भवन्तु

नमो नम:
हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥
शुभ दीपावली। शुभम भवतु।

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं
नमस्तुभ्यं दयानिधे।।

शुभ दीपावली l

Deepawali13

शुभम करोति कल्याणम,
अरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशायः,
दीपःज्योति नमोस्तुते !

आपको सपरिवार पंचदिवसीय प्रकाश पर्व:
धनतेरस,
नरक चतुर्दशी,
दीपावली,
गोवर्धन पूजा,
और भाईदूज
की अनन्त हार्दिक शुभकामनाएं....

दीपोत्सव सपरिवार आपके जीवन को
सुख-समृद्धि, सुख-शांति, स्वास्थ्य, सौहार्द
एवं अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करे...।

मानसी गंगा श्रीहरि दे..
गिरधर की परिक्रमा दे..
कुण्ड कुण्ड चरणामृत ले..
अपना जन्म सफल कर ले..
मानसी गंगा श्रीहरि दे..
बोल गिर्राज महाराज की जय ..
खुशियो का यह त्योहार आपके जीवन में अपार समृद्धि और शान्ति लेकर आये

गोवर्धन पूजा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

उत्तर से उन्नति,
दक्षिण से दायित्व ,
पूर्व से प्रतिष्ठा,
पश्चिम से प्रारब्ध,
नैऋत्य से नैतिकता
वावव्य से वैभव,
ईशान से एश्वर्य
आकाश से आमदनी,
पाताल से पूँजी
दसों दिशाओ से शान्ति सुख समृद्धि सफलता प्राप्त हो ऐसी शुभकामना..!

आपको व आपके पूरे परिवार को मेरी तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐं।
माँ लक्ष्मी से यही प्रार्थना कि वह आपके जीवन में सुख-समृद्धि व ढ़ेरों खुशियां प्रदान करें।

क्षीराब्धिमथनोत्पन्ना श्रीहरिप्राणवल्लभा।
कारुण्यरसप्राग्भारा लक्ष्मीरवतु सर्वदा। ।
प्रकाशोत्सवस्य दीपावल्याः हार्दाः शिवकामनाः l

शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
Salutations to the Light of the lamp that brings Auspiciousness, Health & Prosperity, and destroys Inimical Feelings!

सत्य का बने श्री
और प्रगति के पग,
शुभ की जगह लिखें कर्म,
और लाभ की जगह कर्तव्य,
विजयलक्ष्मी की स्थापना हो,
अभय गणेश की आराधना,
और अजेय सरस्वती की अर्चना।
सृजन की सुंदर आरती हो,
क्यों न ऐसी शुभ क्रांति हो।
मनाएं, स्वर्णिम पर्व इस भाव रूप में,

इस दिवाली जलाना हजारों दिये
खूब करना उजाला खुशी के लिए
एक कोने में एक दिया जलाना जरुर
जो जले उम्र भर हमारी पृथ्वी के लिए।

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

सुख समृधि आपके 🎋जीवन में आए,

लक्ष्मी जी आपके घर में💞 समाये,

भूल कर भी 👑आपके जीवन में,

आगे कभी भी एक दुःख 😊न आए….

🔥💥💫🌹शुभ दीपावली🌹🔥💫💥

आपका वैभव, ऐश्वर्य, प्रसन्ता, यश, सुख, समृद्धि में निरन्तर व्रद्धि हो।
आप स्वस्थ, निरोगी, रहें।
धनतेरस एवम् रूप चौदस की मेरे और मेरे परिवार की ओर से आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं ।

दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः

दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते

ज्योति पर्व के इस मंगल प्रकाश में
शुभकामनाओं का एक दीप मेरा भी

शुभ दीपोत्सव

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे।।

माँ लक्ष्मी आपके घर आँगन में सुख, समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य एवं धन-धान्य की वर्षा करें। आपको एवं आपके परिवार को निरोग स्वास्थ्य का वरदान दे...!!!

इन्हीं शुभकामनाओं के साथ 💐🌹दीपावली के पावन पर्व पर आप और आपके पूरे परिवार को मेरी और मेरे परिवार की तरफ़ से हार्दिक शुभकामनाएँ

आपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं।

दीपक का प्रकाश हर पल आपके जीवन में नई रोशनी लाए, श्री राम जी आपके घर सुख की बरसात करें, दुखों का नाश करें, रोशनी के दीये आपकी जिंदगी में खुशियां लाएं! माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, प्रकाश व प्रसन्नता के पर्व दीपावली पर बहुत बहुत मंगलकामनाएं।

🙏🏻शुभ प्रभात🙏🏻
सदा मुस्कुराते रहिये
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

🙏🏻🌹🙏🏻 नमो नमः 🙏🏻🌹🙏🏻

अयं दीपावली महोत्सवः भवतः कृते भवत्परिवारस्य  कृते च क्षेमस्थैर्यआयुः- आरोग्य- ऐश्वर्य-अभिवृध्दिकारकः  भवेत् ! शुभं भवतु !!🌸

🎉🎊 सर्वेभ्य: दिपावल्या: नूतनवर्षस्य च शुभाशया:। एषः दिपावलीमहोत्सवः सर्वेषां कृते आनन्दमयं शुभमयं च भवेत् !🎊🎉💫💥 🪔 ||शुभ दीपावली|| 🪔

🪔🪔🪔💫💥💫🪔🪔🪔 इस बार दीपावली पर बस आपको यही शुभकामनाएं है कि आप अपने परिवार के साथ स्वस्थ और प्रसन्न रहें। धन तो बरसे ही पर आपके घर में खुशियां भी जरूर बरसे, कोई उदासी ना हो।

दीपक का प्रकाश हर पल आपके जीवन में एक नयी रौशनी दे एवं रौशनी का यह पावन त्यौहार आपके जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि प्रदान करे” आपको को हमारी और से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

आपको और आपके पुरे परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, माता लक्ष्मी आपको उत्तम स्वास्थ्य के साथ साथ धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति प्रदान करे !

आपका घर सुख, समृद्धि एवं धन धान्य से भर दे !

आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओॅ के साथ "प्रकाश व प्रसन्नता के पर्व दीपावली पर बहुत बहुत मंगलकामनाएं। धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ। 🙏शुभ दीपावली🙏

उत्साह और अनुकंपा बना रहे, नूतन वर्ष की शुभकामना ये, प्रणाम

वसुन्धरा परिवार हमारा हिन्दु का यह विशाल चिन्तन
इस वैश्विक जीवन दर्शन से मानव जाती होगी पावन ॥दृ॥
अखिल विश्व के पथदर्शन की मुनिजन सन्तोकी अभिलाषा
बन्धुभाव से सब जग जोडे वेद और गीता की भाषा
समरसता मन्त्र के नाद से हम भर देंगे सारा त्रिभुवन ॥१॥

दिवाली है रौशनी का त्यौहार, लाये हर चेहरे पर मुस्कान,
सुख और समृद्धि की बहार
समेट लो सारी खुशियाँ, अपनों का साथ और प्यार
इस पावन अवसर पर आप सभी को दीवाली का प्यार।
दीपावली की हार्दिक बधाई

🌺🌹ओम् लक्ष्म्यै नम:!🌹🌺
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमोSनम:!
माँ लक्ष्मी-गणेश आप सभी के घरों में विराजमान होकर आप सभी पर अपार धनवर्षा करें और आपके परिवार के सदस्यों के जीवन में शांति, सुख और समृद्घि लाएँ!
आपको और सभी परिवारजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!

May millions of lamps illuminate your life with endless joy, prosperity, health & wealth forever
Wishing u and your family a very Shubh Deepawali

𝑾𝒊𝒔𝒉𝒊𝒏𝒈 𝒚𝒐𝒖 𝒂𝒏𝒅 𝒚𝒐𝒖𝒓 𝒇𝒂𝒎𝒊𝒍𝒚 𝒂 𝒗𝒆𝒓𝒚 𝑯𝒂𝒑𝒑𝒚 𝑫𝒊𝒘𝒂𝒍𝒊. 𝑶𝒏 𝒕𝒉𝒊𝒔 𝒃𝒆𝒂𝒖𝒕𝒊𝒇𝒖𝒍 𝒇𝒆𝒔𝒕𝒊𝒗𝒆 𝒐𝒄𝒄𝒂𝒔𝒊𝒐𝒏, 𝑰 𝒑𝒓𝒂𝒚 𝒇𝒐𝒓 𝒚𝒐𝒖𝒓 𝒉𝒆𝒂𝒍𝒕𝒉 𝒂𝒏𝒅 𝒉𝒂𝒑𝒑𝒊𝒏𝒆𝒔𝒔, 𝒔𝒖𝒄𝒄𝒆𝒔𝒔 𝒂𝒏𝒅 𝒑𝒓𝒐𝒔𝒑𝒆𝒓𝒊𝒕𝒚, 𝒈𝒍𝒐𝒓𝒚 𝒂𝒏𝒅 𝒋𝒐𝒚...  

𝑴𝒂𝒚 𝒚𝒐𝒖 be 𝒃𝒍𝒆𝒔𝒔𝒆𝒅 𝒘𝒊𝒕𝒉 𝒃𝒆𝒂𝒖𝒕𝒊𝒇𝒖𝒍 𝒎𝒐𝒎𝒆𝒏𝒕𝒔 𝒐𝒇 𝒄𝒆𝒍𝒆𝒃𝒓𝒂𝒕𝒊𝒐𝒏 𝒂𝒏𝒅 𝒍𝒂𝒖𝒈𝒉𝒕𝒆𝒓 𝒘𝒊𝒕𝒉 𝒚𝒐𝒖𝒓 𝒍𝒐𝒗𝒆𝒅 𝒐𝒏𝒆𝒔.
𝑺𝒉𝒖𝒃𝒉 𝑫𝒆𝒆𝒑𝒂𝒘𝒂𝒍𝒊.

May life blessed with Enthusiasm and Compassion. New year best wishes

Deepawali14

Happy Diwali & Shubh New Year,
शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
O light of the lamp which brings Auspiciousness, Health and Prosperity,
Which dispels Bad Feelings, Obeisance to the light of the lamp

दीपावल्याः सहस्रदीपाः भवतः जीवनं सुखेन, सन्तोषेण, शान्त्या आरोग्येण च प्रकाशयन्तु।

जय श्रीराम ।
पावन प्रकाश पर्व की शुभकामनाएँ।
आप को उत्तम आरोग्य, श्री, सुख, सम्मान प्राप्त हो।
आप का वर्धमान कर्तुत्व भारतमाँ की चरणों में समर्पित हो।

आगच्छज्जयमिन्रामः
अमुञ्च्यन्त नराः यथा।
तथेच्छाम्यहमद्येऽपि
विघ्नानिति जयस्यपि॥
Just as how on this day Shri Rama came back to Ayodhya victorious, and just as how on this day Tirthankar Mahavir, Samrat Ashoka, and Guru Hargobind were liberated, I hope that you too will overcome all the obstacles in your life this Diwali

Bharti Raizada

बारूद नही बीज चाहिए
Finally we are ready with our hand made collection of seed crackers!
The hardwork of over 100 women artisans who made these crackers with their hands and so many other artisans including makers of handmade paper used, the graphic designers who designed these crackers, the printers who screen printed the designs and the local farmers and forest dwellers from whom seeds were ethically sourced is all compiled, coordinated and collected together under one single roof, #gramartproject
Let's celebrate Smoke Free, Sound Free, Exploitation Free and Air Pollution Free Diwali this year with *Seed Crackers embedded with living seeds.
List of phatakas and seeds:

  1. Microgreen Ladi: Seeds of Red Amaranthus, Green Amaranthus, Senna Tora, Radish, Mustard, Purslane & Spinach.
  2. Tikli: Seeds of Coriander.
  3. Rocket: Seeds of Cucumber.
  4. Anaar: Seeds of Golden Shower Tree & Agasti (Sesbania grandiflora).
  5. Chakkar: Seeds of Onion.
  6. Hemp Bomb: Seeds of Roselle.
  7. Laxmi Bomb: Seeds of Bauhinia Racemosa (Sonapatti/Aapta) & Okra.
  8. Genda Guard: Seeds of Marigold & Brinjal.
  9. Roll Caps: Seeds of Fenugreek.
  10. Loose Ladi: Seeds of Tomato, Guar (Cluster Beans), Chilli.
    Order now and please share the word.
    www.gramartproject.org
    9373112912/ 8087137637

Arts and Crafts-compressed.pdf

Deepawali11

Deepawali12

ऋग्वेद का पहला मंत्र-
अग्निमिले पुरोहितं
यज्ञस्य देवमृत्विजं
होतारं रत्नधातमम् ।।

अग्नि के अर्थ
वाक्(ध्वनि तरंग), मन , सूत्रात्मा(आत्मा), प्राण, ऊष्मा, और विद्युत (आवेश - चार्ज)
ये 6 पदार्थ के रूप मे वैज्ञानिक अर्थ है

गुरु(आचार्य) , राजा , सेनापति, ये 3अर्थ व्यवहार के लिये है

आत्मा(जीवात्मा) , परमात्मा, ये 2 अर्थ आध्यात्म मे है ।।

मिले का अर्थ है - खोजो
उपरोक्त वर्णित अग्नि को खोजो जिसमे 5 मुख्य विशेषण हो
पुरोहित
देव
ऋत्विज
होता
रत्नधा

पुरोहित -- आजकल लोगो ने इस शब्द को जातिसूचक बना दिया है जबकि इसका मूल अर्थ है अग्रणी (आगे रहने वाला)
देव - जिसमे देने का गुण.है
ऋत्विज - सभी क्रियाओं को सम्पादित करने मे क्रियाशील
होता - उपकार करने वाला
रत्नधा - सभी ज्ञानरुपी रत्नो को धारण करने वाला

अर्थात ऐसी अग्नि खोजो जो - पुरोहित हो , जो देव हो, जो ऋत्विज हो, जो होता हो, जो रत्नधा हो ।।

जब ये समझ आ जायेगा वैज्ञानिक, व्यवहारिक और आध्यात्मिक अर्थो मे तो सफाई अभियान सम्पूर्ण हो जायेगा

Laws of cleaning before Diwali.
1st Law
Clutter can neither be created nor destroyed. It can only be transferred from one place to another.
2nd Law
If the number of people who clean out kachra are less than the number who produce it, it can never be cleared.
3rd Law
The clutter in a home is directly proportional to the magnitude of the laziness of the people and to the size of their homes.
4th Law
Cleaning is temporary, clutter is permanent.
5th Law
During cleaning if you throw away something you haven’t used for ten years, you will need it immediately after you throw.

History of firecrackers on Diwali
There is no connection between Firecrackers and Diwali
The association of firecrackers and Deepavali is an act of marketing success that rivals 'De Beers’ a successful association of diamonds and love. This marketing miracle was the result of two Business geniuses from Sivakasi: Ayya Nadar and his brother Shanmuga Nadar
There is no description of using fireworks to celebrate Deepavali anytime before the Mughal period
During the Mughal era, Deepavali was celebrated primarily using lamps; and, to a very limited extent restricted to the Gujarat area, illuminative fireworks. (On a side note, Aurangzeb banned the public exhibition of both lamps and fireworks for Diwali in 1667.) After the Mughals, for much of the British rule, the stringent Explosives Act restricted the manufacture and sale of the raw materials used to create fireworks.
In 1923, Ayya Nadar and Shanmuga Nadar planted the seed that would grow to become the phenomenon that is Diwali fireworks today. Having migrated to Calcutta in search of their fortunes, and having found their fortunes working in a match factory there, they returned to their native Sivakasi and established a match factory. In 1940, the Explosives Act was amended, making the manufacture of a certain class of fireworks legal. The Nadar brothers seized the opportunity and in 1940, created the first fireworks factory in Sivakasi.
The Nadar brothers worked hard to associate Deepavali with fireworks, and their nationwide presence from the match industry gave them a platform to do so the fireworks industry in Sivakasi grew by leaps and bounds, and by 1980, there were 189 factories in Sivakasi alone, manufacturing fireworks and supplying them all over the country.
Today, for many people, Deepavali and fireworks are synonymous with each other - but this connection is no more ancient than 1940
No fad can grow exponentially without leaving a bloody trail behind it. When De Beers made diamond rings de rigueur for engagement and marriage ceremonies, they lit the spark of ravenous consumerism that is today responsible for ecological destruction and political devastation in countries like Congo, Angola, Liberia and Ivory Coast, which shows no sign of stopping. Likewise, the fireworks industry in Sivakasi was responsible for child labor, occupational death and disability, and fueling caste tensions in its hometown; and It leaves a legacy of noise, smoke, pollution, and a terrifying day for babies and animals all over the country.
Deepavali is the festival of lights; and lighting a few lamps is all the celebration that is needed for this amazing festival.
When you buy and burst crackers on this day, all you are doing is proclaiming to the world that you, too, have been successfully conned by the scam orchestrated in 1940 by the Nadar brothers.
Friends, there is really no Pride, Honour or Spiritual Reward in burning Fire Crackers at Diwali festival and spreading harmful Noise & Air Pollution.

Fire crackers

  • It is a tradition

  • It gives joy

  • It is a part of celebrations.

  • Why ban these on Deepawali only

  • It can lead to fires, burns, blindness, loss of life and property

  • It causes environmental pollution

  • It causes noise pollution

  • Millions of rupees are wasted on fire crackers and on treatment and property damage due to these

  • Factories making fire crackers usually employ minor children. These children and poor people work in dangerous situation in factories. There are many accidents.

  • It is not a original Deepawali tradition. Fire crackers were invented much later.

  • Not good for people with certain medical conditions e.g. asthma, noise sensitivity.

  • Not good for neonates

  • Not good for people who are grieving

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गिलहरी का अनीति से युद्ध
राम रावण युद्ध की तैयारी का सारा दृश्य एक पेड़ पर बैठी हुई गिलहरी देख रही थी। रावण की अनीति और सीता हरण की गाथा भी उसने सुन रखी थी। इस धर्मयुद्ध में वह राम की विजय के लिये भगवान से प्रार्थना कर रही थी।
सद्भाव और प्रार्थना ही तो सब कुछ नहीं है। पुरुषार्थ भी तो सत्प्रयोजन में करना चाहिए। रीछ, वानर तक जब अपनी जान की बाजी लगा रहे थे तो गिलहरी ने सोचा उसे भी तो अपनी सामर्थ्य के अनुरूप कुछ करना चाहिए। यही चिंतन उसके मन में चल रहा था। सीता को रावण के हाथ से छुड़ाने के लिए गिद्ध जटायु अपने प्राण दे चुका था। अनीति करने वाले दानव से लड़ना अपनी जान को जोखिम में डालना है ! जटायु अपनी और रावण की शक्ति के अन्तर को जानता था तो भी वह लड़ा, उसने कायरता नहीं दिखाई। अन्याय देखते रहने की अपेक्षा अनीति से जूझने में उसने आदर्श का परिपालन समझा और रावण से लड़ते हुए ही अन्ततः जटायु ने अपने प्राण दिये।
गिलहरी को यह आदर्श मन को अच्छा लगा । सोचने लगी, वह भी इस धर्म युद्ध में सहयोग देने के लिए पीछे न रहेगी, भले ही वह योगदान स्वल्प ही क्यों न हो?
गिलहरी को एक सूझ सूझी। वह लंका पहुँचने तक का रास्ता बनाने के लिए समुद्र को उथला बनाने की बात सोचने लगी। बालों में बालू भरती और उसे समुद्र में झाड़ देती। लगातार वह इसी काम में लगी रहती। शरीर छोटा था। साधन स्वल्प थे। पर उसकी हिम्मत अटूट थी, जो बन पड़े सो नीति के समर्थन में करना ही चाहिए। यह लगन उसे पूरी तरह लगी हुई थी।
गिलहरी का पुरुषार्थ आश्चर्यजनक था। राम की दृष्टि उस पर पड़ी। साधन स्वल्प, पर पुरुषार्थ महान। यह दृश्य देखकर राम पुलकित हो उठे।
उन्होंने गिलहरी के समीप जाकर उसके साहस को देखा और भावपूर्वक उसे हाथ में उठा लिया। हथेली पर बिठाया और दूसरे हाथ की उंगलियाँ अत्यन्त स्नेहपूर्वक उसकी पीठ पर सहलाने लगे। गिलहरी ने भी अपने को धन्य माना। वह छोटी है तो क्या पर उसकी हिम्मत और भावना तो ऊंची मानी गई। सराही गई।
राम सांवले थे, उनकी उंगलियाँ भी वैसी ही थी। पीठ पर हाथ फेरते रहने से गिलहरी की पीठ पर काली धारियाँ बन गई। कालांतर में उसके वंशजों की पीठ पर वह काली धारियाँ बनती चली आई। राम (धर्म ) के प्रति कृतज्ञता का चिन्ह उस वर्ग के प्राणियों की पीठ पर अभी भी अंकित पाया जाता है।
माना जाता है कि यह तीन रेखाएं राम, लक्षमण और सीता की प्रतीक है।

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जय श्रीराम ।
पावन प्रकाश पर्व की शुभकामनाएँ।
आप को उत्तम आरोग्य, श्री, सुख, सम्मान प्राप्त हो।
आप का वर्धमान कर्तुत्व भारतमाँ की चरणों में समर्पित हो।
🙏🏻।।शुभ दीपावली।।

सर्वेभ्य: दीपावल्या: नूतनवर्षस्य च बहव: शुभाशया:। एषः दीपावलीपर्व सर्वेषां कृते आनन्दमयं शुभमयं च भवेत् !
Happy Diwali and New Year to all of you. May this Diwali festival be joyful and auspicious for all!

आपको और आपके परिवार को पांच दिवसीय त्यौहार श्रंखला धनतेरस, छोटी दीपावली, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज की बहुत बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। भगवान से प्रार्थना है कि यह पांचों पर्व आपको और आपके परिवार को सुख समृद्धि सोहार्द एवं अपार खुशियां दे।। शुभम् करोति कल्याणम आरोग्यम धन सम्पदा। शत्रु बुद्धि विनाशाय दीप ज्योति नमोस्तुते।

लक्ष्मी और श्री गणेश का आपस में क्या रिश्ता है?
और दीपावली पर इन दोनों की पूजा क्यों होती है?
सही उत्तर है :
लक्ष्मी जी जब सागर मन्थन में मिलीं, और भगवान विष्णु से विवाह किया, तो उन्हें सृष्टि की धन और ऐश्वर्य की देवी बनाया गया! तो उन्होंने धन को बाँटने के लिए मैनेजर कुबेर को बनाया!
कुबेर कुछ कंजूस वृति के थे! वे धन बाँटते नहीं थे, सवयं धन के भंडारी बन कर बैठ गए!
माता लक्ष्मी परेशान हो गई! उनकी सन्तान को कृपा नहीं मिल रही थी!
उन्होंने अपनी व्यथा भगवान विष्णु को बताई! भगवान विष्णु ने उन्हें कहा, कि "तुम मैनेजर बदल लो!"
माँ लक्ष्मी बोली, "यक्षों के राजा कुबेर मेरे परम भक्त हैं! उन्हें बुरा लगेगा!"
तब भगवान विष्णु ने उन्हें श्री गणेश जी की दीर्घ और विशाल बुद्धि को प्रयोग करने की सलाह दी!
माँ लक्ष्मी ने श्री गणेश जी को "धन का डिस्ट्रीब्यूटर" बनने को कहा!
श्री गणेश जी ठहरे महा बुद्धिमान! वे बोले, "माँ, मैं जिसका भी नाम बताऊंगा, उस पर आप कृपा कर देना! कोई किंतु, परन्तु नहीं! माँ लक्ष्मी ने हाँ कर दी!
अब श्री गणेश जी लोगों के सौभाग्य के विघ्न/रुकावट को दूर कर उनके लिए धनागमन के द्वार खोलने लगे!
कुबेर भंडारी ही बनकर रह गए! श्री गणेश जी पैसा सैंक्शन करवाने वाले बन गए!
गणेश जी की दरियादिली देख, माँ लक्ष्मी ने अपने मानस पुत्र श्री गणेश को आशीर्वाद दिया, कि जहाँ वे अपने पति नारायण के सँग ना हों, वहाँ उनका पुत्रवत गणेश उनके साथ रहें!
दीपावली आती है कार्तिक अमावस्या को! भगवान विष्णु उस समय योगनिद्रा में होते हैं! वे जागते हैं ग्यारह दिन बाद, देव उठावनी एकादशी को!
माँ लक्ष्मी को पृथ्वी भ्रमण करने आना होता है शरद पूर्णिमा से दीवाली के बीच के पन्द्रह दिनों में, तो वे सँग ले आती हैं श्री गणेश जी को! इसलिए दीपावली को लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है!

"जब दीपावली भगवान राम के १४ वर्षो के वनवास से अयोध्या लौटने के उतसाह में मनाई जाती है, तो दीपावली पर "लक्ष्मी पूजन" क्यों होता है ? श्री राम की पूजा क्यों नही?"
प्रश्न पर सन्नाटा छा गया, क्यों कि उस समय कोई सोशियल मीडिया तो था नहीं, स्मार्ट फोन भी नहीं थे! किसी को कुछ नहीं पता! तब, सन्नाटा चीरते हुए, हममें से ही एक हाथ, प्रश्न का उत्तर देने हेतु ऊपर उठा!
हमने बताया कि "दीपावली उत्सव दो युग "सतयुग" और "त्रेता युग" से जुड़ा हुआ है!"
"सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी! इसलिए "लक्ष्मी पूजन" होता है!
भगवान श्री राम भी त्रेता युग मे इसी दिन अयोध्या लौटे थे! तो अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था! इसलिए इसका नाम दीपावली है!
इसलिए इस पर्व के दो नाम हैं, "लक्ष्मी पूजन" जो सतयुग से जुड़ा है, और दूजा "दीपावली" जो त्रेता युग, प्रभु श्री राम और दीपो से जुड़ा है!

ramrakshastrotum.pdf

Thought:
Itihaas is written by some person, so it is the view point and observation/experience of one person. Over the years if only one book or story version survives, it does not mean that there was not a different perception of the events at that time.
I feel so many things in Ramayan do not make sense, atleast to me in this era. some questions are--
Q. If Ram went through so much hardship and finally defeated Ravan as he was adarmi, why did not he prison sentence to the dhobi who was talking unrespectfully for his wife and also Rani of Ayodhya? Is it not adarm to talk derogatory things about your Rani mata. How can Ram give a harsh punishment to someone based on one person's thinking.
Why did not he punish Laxman for cutting Shurpankha's nose? Even if she was harassing them, there were other ways to keep her away like explanation in the way she understands, mqking her unconscious with some jadi booti and leave from there, informing her brother about her deeds, using laxman rekha, etc.
If dhobi's thinking was wrong, whose duty was it to change public perception?
Why was Sita left in forest? Why not she was transported back to Mithila to her father? Why Ram did not built a separate mahal for Sita and asked her to live there separately from Ram? Why Ram did not send some sevak sevikas to stay with Sita in forest? It was a common practice at that time to send sevikas with the princess at the time of wedding, so why not at the time of sending her to forest?
Lav and Kush were his children also. Ram stayed in forest for 14 yrs and people knew about his glory and Ram stayed in the hearts of people for 14 yrs. That forest definitely was not that far away, so how come he was not informed of the birth of his sons? Sita was desserted but not his sons. His sons still deserved the prince status, why were they not brought back to Rajmahal?
Kaikayi did adarmic thing and whole Ayodhya did not agree with Kaikeyi but Ram did not say anything against her even when he came back and became the king. So, Ram can tolerate Kakeyi's adarm as well as dhobi's adarm but can not stand up for Sita. When public was begging him not to go to forest, he did not listen to them but he lateron listened to one dhobi and made his decision based on that?
what was Kaushalya's and Kakeyi's role when Sita was left in forest? Why did not they went with Sita?
There are multiple other ethical questions like these.

https://valmikiramayan.net/

Valmiki Ramayan by 21Notes
https://www.youtube.com/watch?v=dvhDQVCJcX8&list=PL0g2ZVnQRk3iuwqJBtG5G6hPcphdHGg8W