Dhanteras
नारायणांशो भगवान् स्वयं धन्वन्तरिर्ममहान्।
पुरा समुंद्रमथने समत्तस्थौ महोदधेः।।
सर्व वेदेषु निष्णातो मंत्र तंत्र विशारदः।
शिष्यो हि बैनतेयस्य शंकरस्योपशिष्यक।।
अर्थात्
भगवान धन्वंतरि स्वयं नारायण के अंश रूप मे समुद्र मंथन से प्रकट हुए। धन्वंतरि समस्त वेदो के ज्ञाता, मंत्र-तंत्र मे निष्णात गरूडजी के शिष्य तथा भगवान शंकर के उप शिष्य है।
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,अन्वेषित च सविधिंआरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्,धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
जिन्होंने निरंतर समस्त रोग दूर किये, जिन्होंने अच्छे आरोग्य की विधि बताई, जिन्होंने औषधियों के छुपे रहस्य को बताया उन धन्वंतरि भगवान को हम सदैव प्रणाम करते है
धनतेरस दुनिया को आयुर्वेद देने वाले आचार्य 'धनवंतरी' के अवतार के लिए मनाया जाता है।
।।सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें,
सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें
किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
धनतेरस शब्द दो शब्दों के मेल से बना है। ‘धन’ का अर्थ है ‘धन’ और ‘तेरस’ का अर्थ है 13वां दिन। इसलिए कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के 13वें दिन यानी त्रयोदशी वाले दिन, भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूरी भक्ति के साथ पूजा की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस का यह त्योहार मृत्यु के देवता यमराज से अकाल मृत्यु के भय से मुक्त होने की प्रार्थना का दिन है। इसके अलावा इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर के पूजन की परम्परा भी प्राचीन काल से चली आ रही है।
Dhanvantari name means the one who has reached upto the end of medicine. Dhanvantari appeared from Sheersagar after years of churning. He is the physician of Devtas. Sushutra learned fro Dhanvantari.
Many people offer prayers to Dharmraj Yam and light a diya for him. Yam Bhagwan protects us from untimely death.
Dhanteras is also known as Dhanatrayodashi, Dhan Teyras, Asweyuja Bahula Thrayodasi, Dhantheran, and Yamadeepdaan.