Hindu Nav Varsh
भारतीय नववर्ष की शुभकामनायें l
प्राकृतिक विज्ञानाधिष्ठित सनातन सांस्कृतिक परिपाठि, जिसे आज हम हिंदू परम्परा कहते है।
चैत्र शुद्ध प्रतिपदा , युगाद्ब ५१२२, विक्रम संवत २०७७, शालिवाहन शक १९४३, प्लव नाम संवत्सर, ख़्रीस्ताब्द १३ एप्रिल २०२१
भारतवर्ष में नव वर्ष निम्नलिखित नामों से मेष संक्रांति से विभिन्न प्रदेशों में मनाया जाता है।
नववर्षस्य शुभाशया:
अली एली लियांग, आदि, आरेम, गुढी पाडवा, चिराओबा, चेटी चांद, चैत्र पर्व, तमिळ नववर्ष, तेलुगू नववर्ष, नवरेह, बांगला नववर्ष, बिहू, बैठू, बैसाखी, बैसागु, बोहांग बिहू , युगादि, लाकू, विशू, संसार पाडवो
शुभम भवतु
सृष्टि संवत्सर
1963853122की शुभकामनाएं
आओ प्राणी मात्र को सुख पहुंचाये
आओ राष्ट्र बनाये ।।
सृष्टि रचयिता ने किया, सृष्टि सृजन प्रारम्भ |
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से, संवत्सर आरम्भ ||
ऋतु बसंत मदमा रही, पीताम्बर को ओढ़ |
हरियाली साड़ी पहन, धरती हुई विभोर |
स्वर्ण थाल सा नव, प्रथम, सूर्योदय मन भाय |
धवल चांदनी चैत की, चांदी सी बिखराय |
फूलै फले नयी फसल, नवल अन्न सरसाय |
सनातनी नव-वर्ष यह, प्रकृति-नटी हरषाय |
गुड़ीपडवा, उगादी, चेटीचंड, चित्रेय |
विशु बैसाखी प्रतिपदा,संवत्सर नवरेह |
शुभ शुचि सुन्दर सुखद ऋतु, आता यह शुभ वर्ष |
धूम -धाम से मनाएं , भारतीय नव-वर्ष |
पाश्चात्य नववर्ष को, सब त्यागें श्रीमान |
भारतीय नववर्ष हित, अब छेड़ें अभियान || नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं।
"रिद्धि दे, सिद्धि दे,
वंश में वृद्धि दे, ह्रदय में ज्ञान दे,
चित्त में ध्यान दे, अभय वरदान दे,
दुःख को दूर कर, सुख भरपूर कर, आशा को संपूर्ण कर,
सज्जन जो हित दे, कुटुंब में प्रीत दे,
जग में जीत दे, माया दे, साया दे, और निरोगी काया दे,
मान-सम्मान दे, सुख समृद्धि और ज्ञान दे,
शान्ति दे, शक्ति दे, भक्ति भरपूर दें..."🍁
🌹🍁आप को 13 अप्रैल से शुरू होने वाले नव वर्ष विक्रम संवत 2078 के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
नव वर्ष की हर्षित बेला पर,
खुशियां मिलें अपार,
यश, कीर्ति, सम्मान मिले,
और बढे सत्कार,
शुभ-शुभ रहे हर दिन हर पल,
शुभ-शुभ रहे विचार,
उत्साह.बढे चित चेतन में,
निर्मल रहे आचार,
सफलतायें नित नयी मिले,
बधाई बारम्बार,
मंगलमय हो काज आपके,
सुखी रहे परिवार,
कोरोना से मिले छुटकारा
सुखी रहे सारा संसार
नव वर्ष की आपको व आपके
परिवार को हार्दिक शुभ कामनाएँ!!
Wishing everyone
Happy Gudi Padwa
Happy Cheti Chand
Happy Ugadi
Happy Vaisakhi
Happy Vishu
Happy Puthandu
Happy Vaishkhadi
Happy Bohag Bihu
Happy Chaitra Navratri
Happy Chaitra Sukladi
Happy Navreh
Happy Sajibu Cheiraoba and Hindu New Year also
नव संवत्सर, विक्रम संवत 2078 की हार्दिक शुभकामनाएं।
यह नव वर्ष आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा, नव चेतना का संचार करे। यह नव वर्ष सुख, शांति, समृद्धि एवं आरोग्य से फलीभूत हो, ऐसी कामना करता हूँ।
Happy Gudhi Padwa & New Year
Shalivahan Shaka 1943; Vikram Samvat 2078; Yugabda 5123
https://www.facebook.com/vedveer.arya.7/videos/2083499335125329/
जय श्री राम
कृपया मुझे एक जनवरी को शुभकामनाएँ नही दें।
मैं वर्ष प्रतिपदा की प्रतीक्षा करुंगा।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह "दिनकर" जी की कविता।
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये व्यवहार नहीं
धरा ठिठुरती है सर्दी से
आकाश में कोहरा गहरा है
बाग़ बाज़ारों की सरहद पर
सर्द हवा का पहरा है
सूना है प्रकृति का आँगन
कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं
हर कोई है घर में दुबका हुआ
नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं
चंद मास अभी इंतज़ार करो
निज मन में तनिक विचार करो
नये साल नया कुछ हो तो सही
क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही
उल्लास मंद है जन -मन का
आयी है अभी बहार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
ये धुंध कुहासा छंटने दो
रातों का राज्य सिमटने दो
प्रकृति का रूप निखरने दो
फागुन का रंग बिखरने दो
प्रकृति दुल्हन का रूप धार
जब स्नेह – सुधा बरसायेगी
शस्य – श्यामला धरती माता
घर -घर खुशहाली लायेगी
तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि
नव वर्ष मनाया जायेगा
आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर
जय गान सुनाया जायेगा
युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध
नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध
आर्यों की कीर्ति सदा -सदा
नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
अनमोल विरासत के धनिकों को
चाहिये कोई उधार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं।
हे प्रभु!
नववर्ष पर
क्या प्रार्थना करें?
क्या माँगें आपसे?
न चाह का कोई अंत
और न ही आपकी कृपाओं का,
इसलिए प्रभु,
बस इतनी अहैतुकी कृपा रखना
कि कभी सुमार्ग से न भटकें,
लोभ और राग द्वेष से परे रहकर
आपमें समर्पित रहें,
और हमेशा शुभ भावना हो
सभी के लिए,
हमें थोड़ा सा और बेहतर
मनुष्य बनाना,
थोड़ा सा और बेहतर
मन देना,
सबको सुखी रखना,
हां, नीरोग व आनंदित भी।
बस इतना ही,
हे प्रभु!
परमपिता परमेश्वर आपको कल सुबह की पहली किरण से शुरु होने वाले नये साल 2022में सुख , शांति, शक्ति, सम्पति, स्वरुप, शालीनता,संयम, सादगी, सफलता, समृध्दि, साधना, संस्कार, यश और बहुत अच्छा स्वास्थ्य दे। इन्ही शुभ कामनाओं के साथ आप और आपके परिवार को मेरी तरफ से नऐ साल 2022 की हार्दिक शुभ कामनाऐं। " नूतन वर्षअभिनंदन "
"सूर्य संवेदना पुष्पे, दीप्ति कारुण्यगंधने।लब्ध्वा शुभं नववर्षेऽस्मिन कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्॥"
जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह कैलेंडर वर्ष 2022 आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो।
आप सपरिवार निरोगी रहे, हर्षित रहे, समृद्ध रहे, नित नये आयाम एवं सफलता को प्राप्त कर अपने जीवन को सार्थक करे।
वर्ष नूतनं ते शुभं मुदम उत्तरोतरं भवतु सिद्धीदम्
परम् पिता परमेश्वर आपको नये साल में सुख, शांति, शक्ति, सम्पति, सम्मान, संयम, सादगी, सफलता, समृध्दि, साधना, संस्कार और स्वास्थ्य यश वैभव में श्री वृद्धि करें, इस प्रकार की अनन्त शुभकामनाओं के साथ आपको परिवार सहित नववर्ष की हार्दिक बधाई!
सर्वेभ्य: आङ्ग्ल वर्षस्य शुभाशया:
1 जनवरी को #क्या आप भी #खतना_दिवस (#Circumcision_Day) मनायेंगे?
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Circumcision_of_Jesus
अंग्रेजी नव वर्ष अर्थात् प्रत्येक 1 जनवरी कुछ लोगों के लिए ख़ुशी और जोश से मनाया जाने वाल दिन है क्योंकि क्रिसमस(25 दिसंबर) के दिन ईसा साहब पैदा हुए और इस क्रिसमस के आठवें दिन(1 जनवरी) को ईसा साहब का #खतना” (लिंग की रक्षार्थ चमड़ा ‘खिलड़ी’ काटना) हुआ था। ये खतना मुस्लिम समुदाय में भी किया जाता है। अतः ये तो सिद्ध हुआ कि ये दोनों संस्कृति कुछ भेद से एक हैं। अतः ईसा साहब के पैदा होने से आठवें दिन जो “लिंगचर्म छेदन” अर्थात् खतना हुआ वहीं दिन ईसाईयों का नया साल है।
On the eighth day, when it was time to circumcise the child, he was named Jesus, the name the angel had given him before he was conceived.
Luke 2:21
और जब आठवाँ दिन आया तो तो उस बालक का खतना किया गया जिसका नाम यीशु रखा गया था। उसे यह नाम उसके गर्भ में आने से पूर्व भी पहले स्वर्गदूत द्वारा दे दिया गया था।
लूका २ | २१
https://www.omraizada.com/home/new-year
2022 calender ऋषिओं के कृपा से आदिपुरुष -White (1) (1).pdf
Ugadi in Karnataka, Andhra Pradesh and Telangana
Gudi Padva in Maharashtra
Navreh in Kashmir
Cheti Chand-- Sindhis, Sindh
Sajibu Nongma Panba in Manipur
Nyepi in Bali and Indonesia
It is also the first day of Chaitra Navratri. Nine "avatars" or incarnations of Goddess Durga - Shailputri, Chandraghata, Kushmanda, Skandamata, Katyayani, Kaalratri, Mahagauri, and Siddhidaatri, are worshipped during Chaitra Navratri. The festival culminates with Rama Navami.
The Iranian new year Nauroz starts a few days before
Sikh new year Vaisakhi is always on April 13-14
Vishu for the Malayalee
Bihu for the Assamese
लिए बहारें आँचल में , जब चैत्र प्रतिपदा आएगी ।
फूलों का श्रृंगार करके , धरती दुल्हन बन जाएगी ।।
मौसम बड़ा सुहाना होगा , दिल सबके खिल जाएँगे ।
झूमेंगी फसलें खेतों में , हम गीत खुशी के गाएँगे ।।
उठो खुद को पहचानो , यूँ कबतक सोते रहोगे तुम ।
चिन्ह गुलामी के कंधों पर , कबतक ढोते रहोगे तुम ।।
अपनी समृद्ध परंपराओं का , आओ मिलकर मान बढ़ाएंगे ।
आर्यवृत के वासी हैं हम , अब अपना नववर्ष मनाएंगे ।।
युगाब्द 5124 विक्रमी संवत् 2079 नव नल संवत्सर
The Date of Jhulelal (288-388 CE): History of Sindh
According to the Sindhi sources, Jhulelal was born in Vikrama Saṁvat 1007 on the day of Cheti Chand (Chaitra Shukla Pratipada). Considering the epoch of Kārttikādi Vikrama era (719 BCE), Jhulelal was born in 288 CE. His original name was Uderolal. The Sindhi legends tell us that Mirk Shah was ruling over Sindh from Thatta when Jhulelal was born. Jhulelal provided the leadership to the Sindhi Hindu community to counter the atrocities of Mirk Shah and also worked for the religious freedom.
Mayasura’s Surya Siddhanta (-6778) - 8801
Saptarshi Cycle Calendar (-6777) - 8800
Brahma Siddhanta (-6773) - 8796
Sri Rama’s coronation in Ayodhya (-5635)
Paitamaha Siddhanta’s Kaliyuga (-3176) - 5199
Brahma Siddhanta’s Kaliyuga Jupiter in Aries(-3173)- 5196
Mahabharata War (-3162)
Yudhishthira Samvat (-3161) - 5184
Brahma Siddhanta’s Kaliyuga Jupiter in Dhanishtha (-3126) - 5149
Latadeva Surya Siddhanta’s Kaliyuga (-3101)- 5124
Kashmiri Laukik Samvat (-3076) - 5099
Buddha Nirvana (-1864)
Mahavira Nirvana (-1189)
Nepali Licchavi Samvat (-966) - 2989
Karttikadi Vikrama Samvat (-719) - 2742
Adi Sankaracharya Janma (-568)
Saka Samvat (-583) - 2606
Sri Harsha Samvat (-457) - 2479
Kalachuri-Chedi Samvat (-402) - 2425
Gupta Samvat (-334) - 2356
Chaitradi Vikrama Samvat (-57) - 2079
Sakanta Samvat (78 CE) - 1944
MAYASURA’S 60-YEAR CYCLE AND THE ORIGIN OF THE SEXAGESIMAL COUNTING SYSTEM
Mayasura (6778 BCE) was the founder of 60-year cycle and Turkish and Chinese 60-year cycles are apparently influenced by Mayasura’s Surya Siddhanta.
Asuras followed the sexagesimal counting system whereas Devas followed the decimal place value system during the Vedic period. When Asuras migrated to Persia during the Vedic period, they introduced sexagesimal counting system. The earliest use of sexagesimal counting has been found in the Elamite city of Susa, Persia.
- Prabhava – 1987-1988
- Vibhava – 1988–1989
- Sukla – 1989–1990
- Pramodutha –1990–1991
- Prajapati–1991–1992
- Aangirasa 1992–1993
- Srimukha 1993–1994
- Bhava- 1994–1995
- Yuva 1995–1996
- Dhaatru 1996–1997
- Eeswara – 1997–1998
- Bahudhanya 1998–1999
- Pramathi 1999–2000
- Vikrama 2000–2001
- Varsapraja/Vishu 2001–2002
- Chithrabanu 2002–2003
- Swabhaanu 2003–2004
18.Taarana 2004–2005 - Paarthiv 2005–2006
- Vaya 2006–2007
- Sarvajith 2007–2008
- Sarvadhari 2008–2009
- Virodhi 2009–2010
- Vikruthi 2010–2011
- Khara 2011–2012
- Nandan 2012–2013
- Vijaya 2013–2014
- Jaya 2014–2015
- Manmatha 2015–2016
- Durmukh 2016–2017
- Hevilambi 2017–2018
- Vilambi 2018–2019
- Vikari 2019–2020
- Sarvari 2020–2021
- Plava 2021–2022
- Subakrith 2022–2023
- Sobhkrith 2023–2024
- Krodhi 2024–2025
- Vishva vasu 2025–2026
- Parabhaava 2026–2027
- Plavanga 2027–2028
- Keelaka 2028–2029
- Saumya 2029–2030
- Sadharana 2030–2031
- Virodhkrat 2031–2032
- Paridhaabi 2032–2033
- Pramaadi 2033–2034
- Aanandha 2034–2035
- Rakshasa 2035–2036
- Nala/Anala 2036–2037
- Pingala 2037–2038
- Kalayukth 2038–2039
- Siddharthi 2039–2040
- Raudr 2040–2041
- Durmati 2041–2042
- Dhundubhi 2042–2043
- Rudhirodwaari 2043–2044
- Raktakshi 2044–2045
- Krodhana 2045–2046
- Akshaya 2046–2047
Mayasura (6778 BCE) was the first astronomer of the world who introduced the concept of 7-day week starting from 22 Feb 6778 BCE, Sunday. Thus, Indian astronomers taught the concept of 7-day week to the world.
A poem translated
Ages after ages,
Millennium after millennium,
The Yugadi keeps on coming!
Bringing with it new joy
of the new year and of a new life.
I can hear the melody of the love-struck beetle,
on the golden lush fields.
As the Yugadi fills my 'neem'-filled life
with the aroma of a tender flower,
renewing the magic of the Master!
As the green leaves of Mango,
in all their magnificence,
wait for the arrow of Kama,
I can see the fleet of parrots,
camouflaged amidst the leaves, rejoicing
and singing the sweet music of a great harvest.
(Excerpted and Translated from Kannada Original Yugadi, by Da. Raa. Bendre)
The first day of Vaisakh marks the solar new year also known as Mesha Sankranti. It is the New Year's Day for Hindus in Tamil Nadu, Kerala, Odisha, West Bengal, Assam, Bihar, Uttrakhand, Uttar Pradesh, Himachal Pradesh, Haryana, Punjab, and Jammu. However, this is not the universal new year for all Hindus. For some, such as Gujaratis, the new year festivities coincide with the five day Deepawali festival. For others, the new year falls on Ugadi, Gudi Padwa, or Cheti Chand, which falls a few weeks earlier.
The following is a list of new year festivals in various regions:
• Bikhu or Bikhauti in the Kumaon region of Uttarakhand, India
• Bisu - New Year for Tulu people in India
• Rongali Bihu in Assam, India
• Edmyaar (Bisu Changrandi) – Kodava New Year
• Maha Vishuva Sankranti (or Pana Sankranti) in Odisha, India
• Jur Shital (New Year) in Mithila (parts of Nepal and Bihar, India)
• Naba Barsha or Pohela Boishakh in West Bengal and Tripura, India, Nepal, and Bangladesh
• Ugadi in Andhra Pradesh, Karnataka, and Telangana, India
• Puthandu in Tamil Nadu, India
• Vishu in Kerala, India
Different New Year dates in India are based on Calender(lunar, Solar), Seasons, Agrarian economy, etc.
- Pongal - January 14th, 2022
- Nyepi- March 3rd, 2022, Bali Hindu New Year. Based on Lunar calender and Saka era. Beginning of Ska Year 1942 in Bali.
- Saka New Year- March 22nd, 2022. India- Saka Year 1944 begins.
- Ugadi - April 2nd, 2022. Karnatka, Telangana, Andhra Pradesh. Based on Lunar calender. Beginning of Ska Year 1944.
- Gudi Padva or Shalivahan Shaka New Year- April 2nd, 2022. Maharashtra. Based on lunar calender. Saka Year 1944 begins.
- Nav Varsh Samvat, Chaitra Shukladi, or Hindu New Year- April 2nd, 2022. Beginning of Vikram Samvat 2079. Based on Lunar calender. First day after Amavasya in Chaitra month- Chaitra Shukla Pratipada.
- Cheti Chand- April 3rd, 2022- Sindhi New Year. Based on lunar calender. Second day of Chaitra Month.
- Varusha Pirappu or Puthandu- April 14th, 2022. Tamilnadu. Based on Solar calender. First day of Chithirai month.
- Vishu- April 15th, 2022. Malyalam Zodiac New Year in Kerala. First day of Medam month. Based on solar calender. Chingam is also a New year as per Malyalam Calender. August 17th, 2022.
- Maha Vishuba Sankranti or Pana Sankranti- April 14th, 2022. Odissa.
- Naba Barsh or Poila Baisakh- April 15th, 2022. Bengal. First day of Baisakh month. Based on Solar calender. Year 1429 begins as per their traditional calender.
- Rongali Bihu or Bohag Bihu- April 15th, 2022. Assam. First day of Baisakh month. Based on solar calender.
- Juir Sheetal in Mithila, Maithili New Year- April 14th or 15th every year. Mithila, Bihar and Nepal.
- Kutchi New Year- July 1st, 2022- Kutch, Gujarat. Second day of Shukla paksha of Asadha month ( Asadha Beej or Dwitiya).
- Chingam- August 17th, 2022. Chingam is first month in Malyalam calender. VIshu is also celebrated in Malyalam.
- Hindu Vikram New Year- October 26th, 2022. Vikram samvat 2079 begins.
Gujarat-- Hindu Vikram New Year and Kutchi New Year.
Kerala- Chingam and Vishu
कालज्योति पञ्चांग (विक्रम संवत् 2080) 2023-24 ई_230322_144219.pdf
आज बैशाखी (वैशाखी) है। 1919 मे आज ही दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग़ के एकमात्र छोटे से रास्ते को बंद कर अंग्रेज जल्लाद डायर ने निर्दोष, निहत्थों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं जिससे हर सच्चा भारतीय आंदोलित हो उठा। आज का दिन उन सभी हुतात्माओं को स्मरण करने का है जिन्होंने अपने प्राण तक राष्ट्र देवता के चरणों में समर्पित कर दिए!
आज के दिन 1699 में गुरु गोबिन्द सिंह जी ने आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखते हुए धर्म एवं राष्ट्र रक्षा के लिए शीश भेंट करने के आह्वान किया तो भाई दयाराम, दिल्ली के भाई धरमदास, द्वारका गुजरात के भाई मोहकमचंद, जगन्नाथपुरी उडीसा के भाई हिम्मतराय और, बिदर कर्नाटक के भाई साहबचंद ने स्वयं को प्रस्तुत किया।
आज ही के दिन 1749 में लाहौर पर विजय के पश्चात महाराणा रणजीत सिंह का राजतिलक हुआ था।
उत्तर भारत को अफगानिस्तान का हिस्सा बनाने के अहमद शाह अब्दाली के मनसूबों को जनरल जस्सा सिंह अहलूवालिया ने आज ही के दिन असफल किया था।
पंजाब में आज वैशाखी है तो देश के विभिन्न भागों में वैशाख का प्रथम दिन (जो फिलहाल तीन दिन दूर है क्योंकि आज चैत्र द्वादशी है) पोहेला बोशाख (बंगाल), बोहाग बिहू (असम), विशु,(केरल), पुथान्डु, (तमिलनाडु), उगाड़ी,(आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक), महाविश्व संक्रांति (ओडिसा), पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार के कुछ क्षेत्रों में सतुआन तथा कुछ अन्य नामों से मनाया जाता है l
यह पर्व कड़ी मेहनत के बाद फसल तैयार होकर घर आने की खुशी का अवसर भी है। किसान खुशी से झूमते हुए गाते हैं, ‘फसला दी मुक गई राखी, जटा आई बैशाखी!'
IKS_IITKGP_CALENDAR_2024 (F).pdf